COMMAN MAN

आम आदमी -गंवई  aam aadmi 

गाँव मे दो लोग आपस मे बात करते हुए. पहला -भैया ये मोदी और योगी का करत है आजकल, कुछ समझे मे नही आ रहा दूसरा – भैया समझ मे तो उनको भी नही आ रहा है देखे नही एक्के काम मे कितना स्टॅंड ले रहे है. पहला – हा भैया पर मोदी तो पूरा संसारे घूम लिये पर हम लोगो के बीच तो कब्बो नही आये , का गंगा मैया उनको अब नही बुला रही का दूसरा – नाही भैया जौने गंगा मैया के उ सॉफ करे के कहे रहे उ तो बांट जोहत जोहत थक गई अब हमनी के चुनाव के इंतजार कइल जा तब्बे उ मिलिहे पहला – भैया सुने रहे मोदी हम किसान के आय दुगना करे के सोचत हवे. पर ईहा त खाद, बिया,डीजल सबके दाम बढ गईल .


COMMAN MAN
आम आदमी 

भैया ई फैक्ट्री के मालिक आपन समान के दाम खुद तय करत है. और हम दिन रात पसीना बहा के महन्गा खाद बिया दवाई डाल के फसल उगावत है और दाम सरकार तय करत है ,भैया ई कहा के इंसाफी ह . दूसरा – भैया ई इंसाफी ना सरकार राज ह . तब्बे त किसान आजतक गरीब ह . आत्महत्या करत ह . पर सरकार के का , सरकार त बस किसान खातिर योजना बनावेली और उहे टीवी पर दिखाकर जनता के उल्लू बनावल जाता, ईहा जमीन पर कहा काम होता. पहला – ठीके कहत हॅव भैया पर अगर किसान ही ना रही त ई पूरा देश के पेट कैसे भरी , दूसरा – अरे बुरबक पहले आपन पेट के देख , देश खातिर जब ई देश के नेता ना सोचत हवे त हम गरीब कहा से सोचल जा..





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